समाहित करें जीवन में सरलता, स्वार्थ और अहम् के भाव त्यागें। समाहित करें जीवन में सरलता, स्वार्थ और अहम् के भाव त्यागें।
अब तुम्हे मैं पुकारू मेरी हीर कह कर ! अब तुम्हे मैं पुकारू मेरी हीर कह कर !
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किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति। किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति।
माता पिता हमारे भगवन प्रातः उठ करें उन्हें नमन । माता पिता हमारे भगवन प्रातः उठ करें उन्हें नमन ।
जो काला और गन्दा सपना मन की परती जमीन पर, किसी जंगली पेड़ की तरह सर ऊँचा कर खड़ा ह जो काला और गन्दा सपना मन की परती जमीन पर, किसी जंगली पेड़ की तरह सर ऊ...